हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के पूर्व वरिष्ठ नेता हज़रत इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने फरमाया:हमें अपने हक़ पर डटे रहना चाहिए, ऐसा न हो कि बातिल, अपने बातिल पर मुत्तहिद और एकजुट हो और हम अपने हक़ में बिखरे हुए रहें, हम जो हक़ वाले होने के दावेदार हैं।
मुसलमान जो हक़ वाले हैं, क़ुरआन उनकी किताब है, काबा उनका क़िब्ला है, जो लोग इस्लाम लाए हैं और बरहक़ ईमान लाए हैं, उन्हें अपने इस हक़ पर एकजुट रहना चाहिए और इस बात की इजाज़त नहीं देना चाहिए कि ये बातिल वाले, जो अपने बातिल में एकजुट होना चाहते हैं, कामयाब हो जाएं।
हम सबकी ज़िम्मेदारी ये है कि अपने हक़ में एक दूसरे के सिलसिले में समझदारी से काम लें। चाहे एक देश के लोग हों या चाहे सभी इस्लामी देशों के लोग हों। मुझे उम्मीद है कि क़ौम तेज़ी से हक़ की तरफ़ बढ़ेगी और तेज़ी से इत्तेहाद की राह पर चलेगी ताकि बातिल (वालों) को तेज़ी से पीछे हटा सके।
इमाम ख़ुमैनी,
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